Right-Mind And Wrong-Mind Story In Hindi / मित्र-द्रोह का फल

कहानी: मित्र-द्रोह का फल

एक बार की बात है, एक छोटे से गाँव में राम और श्याम नामक दो अच्छे दोस्त रहते थे। वे एक-दूसरे के साथ हमेशा सहायता में तैयार रहते थे और हर खुशी और दुःख में साथ देते थे।

एक दिन, गाँव में एक महोत्सव का आयोजन हुआ। राम और श्याम भी उसमें भाग लेने के लिए तैयार थे। वे साथ मिलकर अपनी योजनाएँ बना रहे थे कि एक अचानक राम को श्याम ने धोखा देकर उसकी योजना बिगाड़ दी। इससे राम को बहुत दुःख हुआ।

कहानी: मित्र-द्रोह का फल

वह अकेला और निराश होकर महोत्सव में नहीं गया।बाद में, श्याम को अपनी गलती का एहसास हुआ और उसने राम से माफी मांगी। लेकिन राम का दिल उसे माफ नहीं कर पाया। उसने श्याम को दोस्ती से बाहर कर दिया।

इस कहानी से हमें यह सिखने को मिलता है कि मित्र-द्रोह से न केवल दूसरे का विश्वास टूटता है, बल्कि हमारे अपने जीवन में भी बड़ा दुःख होता है।

इसलिए, हमें हमेशा अपने मित्रों के प्रति ईमानदार और सहयोगी रहना चाहिए।