Machli Ghar || मछली घर ||

जब रात को जेनब सोने गई तो वह बहुत थकी हुई थी | अब आप पूछेंगे कि वह थकी हुई क्यों थी | क्योंकि, वह सुबह मछली घर घूमने गई थी इसलिए वह बहुत थकी हुई थी | मछली घर बहुत ही बड़ा था | उसको घूमने के लिए जान आपको हद से ज्यादा चलना पड़ा | इसलिए वह चलते-चलते बहुत थक गई थी | और इसी थकान की वजह से वह गहरी नींद में सो गई | जान आपने अचानक देखा , की बहुत सारी मछलियों के बीचो बीच में वह है | और उनके साथ वह तैर रही है | नीला आसमान था | और वह सागर में पानी के बुलबुलों के बीच में नीली चट्टाने और वह मछलियों का आकार भी छोटा-बड़ा सब देख रही है | जेनब चौक गई उसकी आंखें खुल गई |

बाद में पता चला कि यह तो एक सपना है