Chitrakala || चित्रकला ||

बच्चों आज हम आपको एक और कहानी के बारे में बताते हैं, यहां पर जाना और मरियम को चित्रकला बहुत ही ज्यादा पसंद है | बच्चों क्या आप जानते हो चित्रकला किसे कहते हैं | अरे वही जिसे हम कागज पर रंगीन पेंसिल से चित्र बनाते हैं कलर करते हैं रंग भरते हैं उसी को हम चित्रकला कहते हैं |

हां तो अब बच्चों जेनब ने एक लड़का और एक लड़की बनाई गुलाबी रंग से | उसने लड़की को टोपी पहना रखी थी | और उस टोपी में से किरण निकल रही थी | जैसे कि आप जानते हैं की किरने सूरज में से निकलती है वैसे ही उसकी टोपी में से किरण सूरज की निकल रही थी | यह देखकर मरियम ने जान आपसे पूछा, जेनब क्या इसकी टोपी में सूरज की किरने हैं ? …………………………………………………….. आप जेनब ने उससे कहा, अरे नहीं! इसके सर में दर्द है |…………. उसने कुछ पान के आकार का बनाया और उसके गुलाबी रंग में भर दिया|

यह देखकर मरियम ने नीले कलर की पेंसिल ली और उसने अंतरिक्ष यात्री बनाया | चाहिए उड़नतश्तरी से आया है? जनाब ने पूछा,……………………………… नहीं नहीं, मरियम ने बोला यह मेरी नीली पेंसिल में से आया है | और अब यह देख मरियम ने भी कुछ पान बनाएं |

जेनब ने पूछा ? क्या तुमने गोल, चकोर, आयात और सितारे बनाने भी सीखे हैं |………………….. मरियम ने जेनब से कहा हां सीखे हैं आओ हम दोनों मिलकर दीवार पर बनाते हैं |…………. दोनों दीवार के पास गई और उन्होंने वहां जाकर सबसे पहले रेल गाड़ी बनाई उसके बाद सितारे पान दिल्ली फूल और बहुत अच्छे-अच्छे पेड़ भी बनाए अब अचानक से उनकी मां आ गई…………….. मां ने जेनब और मरियम को बताया कि अच्छे बच्चे जो होते हैं वह दीवार पर नहीं लिखते हैं अच्छे बच्चे कागज पर या ड्राइंग की फाइल में लिखते हैं